
भौतिक संसार की विलासिता भरी सतरंगी दुनिया को त्यागकर तीन मुमुक्षु (मुमुक्ष प्रीति पोखरणा, मुमुक्ष सुमति पोखरणा व मुमुक्ष मंथन छाजेड) नानेश पट्टधर, राष्ट्र संत जैनाचार्य प्रवर विजयराज म.सा. के पावन सानिध्य में जयपुर में आगामी 07 फरवरी 2025 को जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर संयम मार्ग के पथिक बनेंगे।
साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ जयपुर के महामंत्री नवीन लोढ़ा ने बताया कि इस आशय की घोषणा स्वयं जैनाचार्य प्रवर ने जयपुर संघ की पुरजोर विनती पर उदयपुर में की। जयपुर संघ का 80 सदस्यों का एक विशेष जत्था पूरी कार्यकारिणी व जयपुर जैन समाज के प्रतिष्ठित लोगों के साथ संघ संरक्षक प्रदीप गुगलियां एवं संघ अध्यक्ष महेश दससानी के नेतृत्व में गुरु चरणों में उदयपुर पहुंचा।
जयपुर संघ के गणमान्य वरिष्ठ श्रावक इंदरचंद हरकावत, कमल सचेती, विनोद बागरेचा, अभय चोरड़िया, गजेंद्र जैन, अरुण जैन, प्रदीप भंडारी आदि सहित अनेक श्रावकों ने विजय गुरुदेव को आगामी चतुर्मास एवं दीक्षा महोत्सव जयपुर में करने की पुरजोर विनती की। गुरुदेव ने संघ की विनती को मान देते हुए दीक्षा महोत्सव का सुअवसर प्रदान किया। इस घोषणा का जयपुर सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु श्रावक श्राविकाओं ने हर्ष हर्ष जय जय, वंदे विरम वंदे विरम जय महावीरम के उद्घोषों से स्वागत करते हुए गुरु भगवन को वंदन नमन कर अभिनंदन किया।
साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के उपाध्यक्ष अशोक श्रीमाल व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि सांसारिक मोह माया को त्यागकर मुमुक्ष प्रीति पोखरणा, मुमुक्ष सुमति पोखरणा व मुमुक्ष मंथन छाजेड को आगामी 7 फरवरी को जैनाचार्य विजयराज म.सा. अपने मुखारविंद से जैन भगवती दीक्षा प्रदान करेंगे। इस अवसर पर संत समुदाय एवं साध्वी मंडल भी जयपुर पधारेंगे। दीक्षा महोत्सव के साक्षी बनने हेतु देशभर से हजारों श्रद्धालु श्रावक श्राविकाएं जयपुर आएंगे। दीक्षा महोत्सव की घोषणा से जयपुर के संपूर्ण जैन समुदाय में हर्ष है।