
दुर्गापुरा जैन मंदिर में अष्टाहिका महापर्व पर सिद्धचक्र महामण्डल विधान पूजा आयोजित की गई, जिसमे मुनि पावन सागर और मुनि सुभद्र सागर ससंघ के सानिध्य में इंद्र और इंद्राणियों ने आठवीं पूजा के अर्ध्य मंडल पर चढ़ाए।
प्रवचन में मुनि पावनसागर ने कहा की जन्म से ही नहीं हमें अपने कर्म से भी जैन बनना चाहिए । उन्होंने बताया कि संसार दुःख का कारण है, जबकि धर्म सुख का मार्ग है। ट्रस्ट कोषाध्यक्ष विमल कुमार गंगवाल ने बताया कि समापन पर भगवान को पालकी में विराजमान कर शोभायात्रा निकाली जएगी।