
एवं बिगड़े हुए जोड़ो, असाध्य जन्मजात विकृतियाँ को साधने एवं कटे हुए व कुचले हुए अंगो को जोड़ने व कार्यकुशल करने में डॉ. गिरीश गुप्ता महारत हासिल रखते है। कुहनी – कलाई -हाथ- अंगूठे व अंगुलियों के खराब फेक्चर व लिगामेंट की चोटों के भी डॉ. गिरीश गुप्ता उत्कृष्ट विषेशज्ञ है।
हाथ या अंग काटने पर क्या करे:– कटे हुए भाग को खाली पॉलीथिन बेग में रखकर सील करे व बर्फ के बॉक्स में रखकर लाये। हाथों की जन्मजात विकृति के साथ पैदा होने पर हेण्ड सर्जरी को दिखाए। बच्चे के बड़े होने का इंतजार नहीं करे। ज्यादातर जन्मजात विकृति जिनका इलाज सम्भव है वह 6 महीने से 2 साल की आयु में ही उपयुक्त है जब कोशिकाएँ व ऊतक परिवर्तन के प्रति लचीले होते है व बच्चे में हीन भावना आने का भय नहीं रहता है।
क्रिकेट व अन्य खेलो में गेंद से कोहनी, कलाई अँगुलियों के जोड़ो की चोटों को गंभीरता से ले व तुरंत हेण्ड सर्जरी से परामर्श करे। अंगूठा एक महत्वपूर्ण अंग है व इसके फेक्चर, लिगामेंट की चोट व अर्थराइटिस को गंभीरता से ले। कलाई की छोटी हड्डियों के फेक्चर, लिगामेंट की चोट या किनबोक बीमारी का इलाज पूर्णतया संभव है कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जिसमे अंगूठे व उसके पास की दो तीन अँगुलियों में झनझनाहट व मोबाइल या अन्य कोई चीज पकड़ने पर छूट जाती है। यह समस्या छोटे से ऑपरेशन से पूर्णत: ठीक हो जाती है अन्यथा हाथ में कमजोरी पैदा कर देती है। कोहनी से लेकर अँगुलियों के नाख़ून तक किसी भी परेशानी के लिए हेण्ड सर्जन से संपर्क करे व समय पर उचित परामर्श व इलाज लें