
माहेश्वरी क्लब श्याम नगर, जयपुर के उत्सव भवन में तीन दिवसीय मीरा महोत्सव मीराबाई की भक्ति गाथा के साथ संपन्न हुआ। समारोह में पूर्व क्लब अध्य्क्ष अलका भंडारी, सचिव रश्मि काबरा एवं क्लब की संस्थापक अध्य्क्ष सरला डागा ने वृंदावन से आए अभिषेक गोस्वामी का व्यास पीठ पर अभिनन्दन किया।
तीसरे दिन की कथा आरंभ करते हुए गोस्वामी ने बताया कि भोजराज एक युद्द में विजय प्राप्त करने के बाद चित्तौड़गढ़ लोटे किन्तु युद्द में एक विष बुझा तीर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। मीराबाई ने उनकी बहुत सेवा सुश्रुषा की परन्तु भोजराज स्वस्थ न हो सके। अंतिम साँस लेने से पूर्व भोजराज ने गिरधर गोपाल के दर्शन की इच्छा प्रकट की और मीरा बाई की पुकार पर ठाकुर जी ने भोजराज को दर्शन दिया।
गोस्वामी ने बताया कि मीराबाई का जीवन चरित्र कलयुग में लोगों को सिखाता है कि भगवान की भक्ति कैसे की जाती है। उन्होंने कहा कि आनंद को कसौटी समझे। जब तक आप सत्य के साथ है आनंद को आपसे कोई छिन नहीं सकता लेकिन जब आप पीड़ा कष्ट अनुभव कर रहे हो तो समझ लेना की जीवन में असत्य का प्रवेश हो गया है। मीरा महोत्सव का समापन मीरा बाई के कि भजनों से हुआ।