
जयपुर के मानसरोवर के सामुदायिक केंद्र में मुनि प्रणम्य सागर ससंघ के सात्रिध्य में आयोजित पांच दिवसीय श्रीमद जिनेन्द्र जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव का मोक्ष कल्याणक का समापन हुआ। पहली बार 400 जैन बच्चों का मोंजी बंधक संस्कार यानी उपनयन संस्कार किया गया।
दोपहर में मुनि संघ का पिच्छिका परिवर्तन समारोह हुआ। शाशवत तीर्थराज सम्मेद शिखर पर्वत पर भगवान के अंतिम दर्शन के बाद मोक्षगमन हो गया। मोक्ष गमन के मनमोहक दॄश्य को देखकर श्रदालु भाव विभोर हो उठे। विश्व शांति महायज्ञ हुआ।
उपनयन संस्कार लेने वाले बच्चों को मुनि श्री ने अपने जीवन को संस्कारित बनाने के लिए कुछ नियम दिलाते हुए उनके सिर पर गंधोदक छिड़कते हुए उनेह आशीर्वाद दिया।
प्रचार प्रभारी विमोद कोटखावदा ने बताया कि नन्ही बालिकाओं द्वारा मंगलाचरण की नृत्य प्रस्तुति के बाद हवाई मार्ग से पिच्छिकाऐ मंच तक लायी गयी। मुनि प्रणम्य सागर महाराज की पुरानी पिच्छिका व्रती डीसी जैन परिवार को तथा विशवाग सागर महाराज की प्रेम बिना गोयल परिवार को मिली।